Thursday 22 September 2016

Bollywood Film News - Ratan Rajput



सपने देखने से डरना नहीं चाहिए: रतन राजपूत


Ratan Rajput Bollywood style online
Ratan Rajput

अभी एंड टीवी पर नए धार्मिक शो 'संतोषी माता' में एक आम लड़की का किरदार निभा रही रतन राजपूत ने कुछ दिन पहले शो के प्रमोशन के वक़्त खुद के बारे में ये सच्चाई बताई कि " मैं शुरू से वैसे काम करना चाहती थी जिसे करके मुझे संतोष मिले..वैसे भी आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में जहाँ लोग पैसों के पीछे भाग रहे हैं उन्हें पैसा पाकर भी सुकून व संतोष कहाँ मिल पता है." समस्तीपुर, विशनपुरबेरी गाँओ से ताल्लुक रखनेवाली रतन के पापा जो जॉइंट कमिश्नर सेल्स टैक्स से रिटायर्ड हैं कि जहाँ जहाँ पोस्टिंग रही वहीँ घूमते हुए उनका बचपन बिता. उसी क्रम में 6 -7  जगह में स्कूलिंग हुई.पटना के.मगध महिला से कॉलेज की पढ़ाई पूरी की... पढाई में मन नहीं लगता था.. क्या करना है ये ग्रेजुएशन तक उन्हें नहीं पता चला. स्कूल कॉलेज में पढाई में पीछे और एक्टिंग ड्रामा में आगे रहती थी. तब एक्टिंग की तरफ शौकिया रुझान था..सीरियस तब हुई जब सोशल प्रेशर आया.उनके पापा के दोस्तों ने टोकना शुरू कर दिया कि पिता अफसर हैं और ये क्या कर रही है

रतन कहती हैं,"आज भी मुझे लगता है कि बहुत बेहतर नहीं हूँ एक्टिंग में लेकिन इसके आलावा मैं और कुछ नहीं कर सकती. यही क्या करूँ की तलाश मुझे दिल्ली ले गयी.दिल्ली के नाट्य थियेटर में एडमिशन नहीं हुआ क्यूंकि वहां सर्टिफिकेट माँगा गया. बड़े बड़े एक्टिंग स्कूल और नाट्य-कत्थक केंद्र में भी रिजेक्शन मिला. फिर प्रोफेशनल तो नहीं सिर्फ शौकिया प्ले करना शुरू किया गुरु सुरेन्द्र शर्मा के सानिध्य में. तब घर से पैसे मिल रहे थे. लेकिन रतन माँ-बाप का पैसा बर्बाद नहीं करना चाहती थी. फिर सोचा अब घरवालों के पैसे खर्च नहीं करेंगी. उन्होंने गुरु सुरेन्द्र शर्मा को असिस्ट करना शुरू किया.. तब प्ले करने पर प्रोत्साहन के तौर पर 500 -1000  मिलता था. दूरदर्शन में छोटे मोटे काम शुरू किये. गुरु ने उन्हें मुंबई जाने की सलाह दी... लेकिन तब उन्हें कैमरे की समझ नहीं थी. वे कहती हैं, " कॉन्फिडेंस नही था की मैं टीवी में आऊं लेकिन मेरे गुरु का मुझपर बहुत भरोसा था." 

2008  में वे मुंबई के लिए रवाना हुई अपने सपनो को पंख देने के लिए . शुरू शुरू में बहुत जोश था, लेकिन जब कभी पैसे काम होते जोश तुरंत ठंढा हो जाता था. तब गुरु फ़ोन पर बात करके उत्साहित करते. वो कहते,-" सफलता किसी एक की जागीर नहीं, तुम्हे भी हक़ है और उसे लेकर ही रहना है". फिर रतन ऑडिशन पर ऑडिशन देने लगी, ज़िन्दगी संघर्षमय थी लेकिन घर में अक्सर झूठ बोलती कि यहाँ सब ठीक है, पैसे की कोई किल्लत नहीं है. रतन बताती हैं ," वैसे भी मैंने सच्चे दिल से भगवान से जो भी माँगा वो देर से ही सही मुझे ज़रूर मिला है. सीरियल में एक दो कैमियो करने के बाद मुझे एन. डी. टीवी इमेजिन पर 'राधा की बेटियां कुछ कर दिखाएंगी' में लीड रोल मिला. तब दिल्ली से मुंबई मुझे बेहतर लगने लगा. कई उतार चढाव आये पर हौसला बनाये रखा. उसके बाद धारावाहिक 'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो' में ललिया के रोल ने मेरी ज़िन्दगी ही बदल दी. फिर अच्छे काम सामने से ऑफर होने लगे. एन.डी.टीवी इमेजिन पर 'स्वंयवर', स्टार प्लस पार 'महाभारत' में अम्बा का किरदार, और बिग बॉस एवं एम.टीवी.के शो 'फ़ना' से और शोहरत मिली."  कई सोशल प्रोग्राम में हिस्सा ले चुकी रतन की दिलचस्पी मूवी में तो है लेकिन सिर्फ पैसों के लिए काम करना नहीं चाहती. टीवी शो,या बड़ा पर्दा काम करने का माध्यम जो भी हो रतन उस प्रोजेक्ट से जुड़ने में ख़ुशी महसूस करती हैं  जिसमे लोगों के बीच एक सन्देश जाये,और किरदार अर्थपूर्ण हो. बिहार चुनाव को लेकर रतन इलेक्शन कमीशन की ब्रांड एम्बेस्डर रही हैं और विगत बिहार चुनाव में बी.जे.पी. के लिए कैंपेनिंग भी कर चुकी हैं.

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             पटना की आम लड़कियां जो आपको फॉलो करती हैं उन्हें आप क्या कहना चाहेंगी? इसपर रतन थोड़ा गंभीर होते हुए कहती हैं- "मैं पटना व बिहार की लड़कियों से यही कहना चाहूंगी कि  कुछ न कुछ सपना ज़रूर देखना चाहिए, सपने देखने से मत डरिये. हम थोड़ा सा सोचते हैं, जबकि हमें हमेशा बड़ा सोचना चाहिए. जहाँ तक पटना की बात है छोटे से शहर में एनर्जी बहुत होती है. साथ ही साथ मैं अभिभावकों से भी ये कहना चाहूंगी कि उनमे भी सपोर्टिंग नेचर होना चाहिए. क्यूंकि किसी भी प्रतिभा को अगर घर और माँ-बाप का सपोर्ट मिल जाये तो कोशिश असफल होने पर भी निराशा हावी नहीं होती."                 -Rakesh Kumar Sonu

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